पाकिस्तान की गिरी हुई साख: विश्व नेताओं ने दिखाया आईना | New Bharat 1824
पहलगाम आतंकी हमला: पाकिस्तान के मुखौटे से उठता सवाल
22अप्रैल 2025 को कश्मीर के मनोरम पहलगाम रिसॉर्ट में हुए भीषण आतंकी हमले ने न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। अब सवाल यही है — कब तक पाकिस्तान आतंकवाद का पोषण करता रहेगा और दुनिया चुप बैठी रहेगी?
अंतर्राष्ट्रीय आरोपों की बौछार
विश्व के 9 प्रमुख राष्ट्रों ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षक घोषित किया है:
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- भारत
- फ़्रांस
- जर्मनी
- इज़राइल
- अफ़ग़ानिस्तान
- ईरान
- बांग्लादेश
- यूनाइटेड किंगडम
पाकिस्तान का आतंकी पोर्टफोलियो
- फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में 5 वर्ष तक बने रहने का रिकॉर्ड
- यूएन रिपोर्ट के अनुसार 15 प्रमुख आतंकी संगठनों को सक्रिय संरक्षण
- सीमा पार से 450+ आतंकी घटनाओं में संलिप्तता के सबूत
वैश्विक प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान के विरुद्ध उठाए गए कदम:
- अमेरिकी सैन्य सहायता में 80% की कटौती
- यूरोपीय संघ द्वारा GSP+ स्टेटस निलंबित
- मध्य पूर्व देशों द्वारा श्रम आप्रवासन पर प्रतिबंध
भविष्य की चुनौतियाँ
पाकिस्तान के लिए अब समय बहुत कठिन है:
- 2024 में 2.3 बिलियन डॉलर का IMF ऋण अटका
- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 40% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे
- रक्षा बजट का 34% आतंकी नियंत्रण पर खर्च
अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बावजूद पाकिस्तानी एजेंसियों का Lashkar-e-Taiba और Jaish-e-Mohammed के साथ संबंध पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है। अब चुप्पी अपराध के बराबर है।
निष्कर्ष
पहलगाम हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि वैश्विक आतंकवाद के जाल में पाकिस्तान की भूमिका का खतरनाक प्रमाण है। दुनिया को अब निर्णय लेना होगा:
- पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधों को और सख्त करना
- आतंकवाद विरोधी वैश्विक गठबंधन को मजबूत करना
- पीड़ित राष्ट्रों के साथ एकजुटता और समर्थन दिखाना
भारत और विश्व समुदाय को यह समझना होगा कि आतंकवाद किसी सीमा का मोहताज नहीं, और जब तक इसका पोषण होता रहेगा, तब तक वैश्विक शांति एक सपना ही रहेगी।
और पढ़ें: पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि | आतंकवाद पर भारत की नीति | कश्मीर में बदलता जनमत | वैश्विक आतंकवाद और हमारी जिम्मेदारी
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— अभिजीत गुरु | संपादक, NewBharat1824.in